Lyric
ਦਸਮ ਬਾਣੀ - ਪੰਨਾ 152
Guru Gobind Singh Ji - Dasam Bani - Pannaa 152
ਦਿਜੋ ਬਾਚ ॥
ਹਮਰੀ ਵੈ ਨ ਪਰੈ ਦੁਐ ਡੀਠਾ ॥
ਹਮਰੀ ਆਇ ਪਰੈ ਨਹੀ ਪੀਠਾ ॥
ਝੂਠ ਕਹਿਯੋ ਜਿਨ ਤੋਹਿ ਸੁਨਾਈ ॥
ਮਹਾਰਾਜ ਰਾਜਨ ਕੇ ਰਾਈ ॥੧॥੨੯੧॥
ਮਹਾਰਾਜ ਰਾਜਨ ਕੇ ਰਾਜਾ ॥
ਨਾਇਕ ਅਖਲ ਧਰਣ ਸਿਰ ਤਾਜਾ ॥
ਹਮ ਬੈਠੇ ਤੁਮ ਦੇਹੁ ਅਸੀਸਾ ॥
ਤੁਮ ਰਾਜਾ ਰਾਜਨ ਕੇ ਈਸਾ ॥੨॥੨੯੨॥
दिजो बाच ॥
हमरी वै न परै दुऐ डीठा ॥
हमरी आइ परै नही पीठा ॥
झूठ कहियो जिन तोहि सुनाई ॥
महाराज राजन के राई ॥१॥२९१॥
महाराज राजन के राजा ॥
नाइक अखल धरण सिर ताजा ॥
हम बैठे तुम देहु असीसा ॥
तुम राजा राजन के ईसा ॥२॥२९२॥
dhijo baach ||
hamaree vai na parai dhuaai ddeeThaa ||
hamaree aai parai nahee peeThaa ||
jhooTh kahiyo jin toh sunaiee ||
mahaaraaj raajan ke raiee ||1||291||
mahaaraaj raajan ke raajaa ||
naik akhal dharan sir taajaa ||
ham baiThe tum dheh aseesaa ||
tum raajaa raajan ke ieesaa ||2||292||
The Brahmin said:
“Neither have I seen both of them,
“Nor have they taken shelter.
“Whosoever has given thee news about them, he hath told a lie,
“O Emperor, the king of kings.1.291.
“O Emperor, the king of kings,
“O the hero of all the universe and Master of the earth
“While sitting here, I am giving blessings to thee,
“Thou , O monarch, art the Lord of the kings.”2.292.